है हवा की तेरे आने की आदत है
बड़ी देर से दिल में घबराहट है
तेरे आने का भरम देती है हर पल
आज पत्तों में बड़ी तेज़ सरसराहट है
सारा माहोल पल में बदल देती है
कितनी हसीं ये तेरी मुस्कराहट है
वो गया तो कभी लौट कर नहीं आया
कितनी मायूस देखो घर की चोखट है
अब न चल पाऊँगा एक कदम आगे
मेरे पैर्रों में बड़ी जोर की थकावट है
हम मिले थे जहाँ राधा और श्याम बन कर
ये वादियाँ है वही ये वही यमुना तट है
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