शाम रंगीन खुशनुमा सुबह होती
पर सोचता हूँ किस तरह होती
अगर वो आज होता मेरे सामने
उससे एक लम्बी जिरह होती
आ जाते है हर बात पर आंसू
काश रोने की एक बजह होती
हदें पार कर दी तुमने दुश्मनी की
बीच अपने कैसे सुलह होती
Monday, August 23, 2010
इन्तेहान और कड़े होते गए
इन्तेहान और कड़े होते गए
हम ज्यों ज्यों बड़े होते गए
सफ़र में गिरे कई बार लेकिन
हम उठकर फिर खड़े होते गए
ज्यों ज्यों बढता गया कुनवा हमारा
उसमे उतने धड़े होते गए
हम समझते रहे प्यार है
दरमियाँ हमारे जितने झगड़े होते गए
हम ज्यों ज्यों बड़े होते गए
सफ़र में गिरे कई बार लेकिन
हम उठकर फिर खड़े होते गए
ज्यों ज्यों बढता गया कुनवा हमारा
उसमे उतने धड़े होते गए
हम समझते रहे प्यार है
दरमियाँ हमारे जितने झगड़े होते गए
तुम बेवफाई कर गए आखिर
अपने वादे से मुकर गए आखिर
तुम भी ज़माने से दर गए आखिर
बहुत भरोसा था तेरी वफ़ा पर हमको
तुम बेवफाई कर गए आखिर
सारे रिश्ते तुम से टूट गए अब
सारे जज्बात मर गए आखिर
बहुत कोशिश की ज़माने ने मिटने की
हम देखो फिर भी संवर गए आखिर
फूक मुरझाये हुए थे कई दिनों से
तुम्हारा साथ पा के निखर गए आखिर
जो मेरे साथ चले थे जानिबे मंजिल
मैं ढूँढता हूँ वो लोग किधर गए आखिर
Sunday, August 22, 2010
कितनी हसीं ये तेरी मुस्कराहट है
है हवा की तेरे आने की आदत है
बड़ी देर से दिल में घबराहट है
तेरे आने का भरम देती है हर पल
आज पत्तों में बड़ी तेज़ सरसराहट है
सारा माहोल पल में बदल देती है
कितनी हसीं ये तेरी मुस्कराहट है
वो गया तो कभी लौट कर नहीं आया
कितनी मायूस देखो घर की चोखट है
अब न चल पाऊँगा एक कदम आगे
मेरे पैर्रों में बड़ी जोर की थकावट है
हम मिले थे जहाँ राधा और श्याम बन कर
ये वादियाँ है वही ये वही यमुना तट है
ज़िंदगी ख्वाब में मिलती है मुझे
मेरे सवालों के जवाब में मिलती है मुझे
ज़िंदगी ख्वाब में मिलती है मुझे
जिसके लिए मैं बदनाम हुआ
जब भी मिलती है नक़ाब में मिलती है मुझे
जख्म सब फिर से उभर आते है
तेरी तस्वीर जब किताब में मिलती है मुझे
जिसे ढूड़ता था तेरी आँखों में
अब वो मस्ती शराब में मिलती है मुझे
जिसे ठुकरा दिया था कभी मैने
अब वो आ आ के ख्वाब में मिलती है मुझे
ज़िंदगी ख्वाब में मिलती है मुझे
जिसके लिए मैं बदनाम हुआ
जब भी मिलती है नक़ाब में मिलती है मुझे
जख्म सब फिर से उभर आते है
तेरी तस्वीर जब किताब में मिलती है मुझे
जिसे ढूड़ता था तेरी आँखों में
अब वो मस्ती शराब में मिलती है मुझे
जिसे ठुकरा दिया था कभी मैने
अब वो आ आ के ख्वाब में मिलती है मुझे
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