मेरे सवालों के जवाब में मिलती है मुझे
ज़िंदगी ख्वाब में मिलती है मुझे
जिसके लिए मैं बदनाम हुआ
जब भी मिलती है नक़ाब में मिलती है मुझे
जख्म सब फिर से उभर आते है
तेरी तस्वीर जब किताब में मिलती है मुझे
जिसे ढूड़ता था तेरी आँखों में
अब वो मस्ती शराब में मिलती है मुझे
जिसे ठुकरा दिया था कभी मैने
अब वो आ आ के ख्वाब में मिलती है मुझे
No comments:
Post a Comment